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Heart touching motivational Lines
इस नदी की धार से ठंडी हवा आती तो है
नाव जर्जर ही सही, लहरों से टकराती तो है
एक चिंगारी कहीं से ढूँढ लाओ दोस्तो
इस दिये में तेल से भीगी हुई बाती तो है
एक खँडहर के हृदय-सी,एक जंगली फूल-सी
आदमी की पीर गूँगी ही सही, गाती तो है
एक चादर साँझ ने सारे नगर पर डाल दी
यह अँधेरे की सड़क उस भोर तक जाती तो है
निर्वसन मैदान में लेटी हुई है जो नदी
पत्थरों से ओट में जा-जा के बतियाती तो है
दुख नहीं कोई कि अब उपलब्धियों के नाम पर
और कुछ हो या न हो, आकाश-सी छाती तो है
--- दूश्यांत कुमार
BHARAT RATNA LIST till January 2019
अब तक भारतरत्न से सम्मानित हस्तियों की सूची निम्नलिखित है–
__________________________
1. 1954 – डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (1888-1975) – देश के दूसरे राष्ट्रपति
2. 1954 – चक्रवर्ती राजगोपालाचारी (1878-1972) – स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, अंतिम गवर्नर जनरल
3. 1954 – डॉ. चन्द्रशेखर वेंकट रमन (1888-1970) – नोबेल पुरस्कार विजेता, भौतिकशास्त्री
4. 1955 – डॉ. भगवान दास (1869-1958) – स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, लेखक
5. 1955 – सर डॉ. मौक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या (1861-1962) – सिविल इंजीनियर, मैसूर के दीवान
6. 1955 – पं. जवाहरलाल नेहरू (1889-1964) – प्रथम प्रधानमंत्री, लेखक, स्वतंत्रता सेनानी
7. 1957 – गोविंद वल्लभ पंत (1887-1961) – स्वतंत्रता सेनानी, उप्र के पहले मुख्यमंत्री, देश के दूसरे गृहमंत्री
8. 1957 – डॉ. धोंडो केशव कर्वे (1858-1962) – शिक्षक और समाज सुधारक
9. 1958 – डॉ. बिधान चन्द्र राय (1882-1962) – चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री
10. 1961 – पुरुषोत्तम दास टंडन (1882-1962) – स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और शिक्षक
11. 1961 – डॉ. राजेन्द्र प्रसाद (1884-1963) – प्रथम राष्ट्रपति, स्वतंत्रता सेनानी, विधिवेत्ता
12. 1963 – डॉ. जाकिर हुसैन (1897-1969) – देश के तृतीय राष्ट्रपति
13.1963 – डॉ. पांडुरंग वामन काणे (1880-1972) – भारतविद और संस्कृत के विद्वान
14. 1966 – लाल बहादुर शास्त्री मरणोपरान्त (1904-1966) – देश के तीसरे प्रधानमंत्री, स्वतंत्रता सेनानी
15.1971 – इंदिरा गांधी (1917-1984) – देश की चौथी प्रधानमंत्री
16. 1975 – वराहगिरी वेंकट गिरी (1894-1980) – देश के चौथे राष्ट्रपति, श्रमिक संघवादी
17. 1976 – के. कामराज मरणोपरान्त (1903-1975) – स्वतंत्रता सेनानी, मुख्यमंत्री मद्रास
18. 1980 – मदर टेरेसा (1910-1997) – नोबेल पुरस्कार विजेता, कैथोलिक नन, मिशनरीज़ संस्थापक
19. 1983 – आचार्य विनोबा भावे मरणोपरान्त (1895-1982) – स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, समाज सुधारक
20. 1987 – खान अब्दुल गफ्फार खान (1890-1988) – स्वतंत्रता सेनानी, प्रथम अभारतीय
21. 1988 – मरुदुर गोपाला रामचन्दम मरणोपरान्त (1917-1987) – अभिनेता, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री
22. 1990 – डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर मरणोपरान्त (1891-1956) – भारतीय संविधान के वास्तुकार, राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री
23. 1990 – नेल्सन मंडेला (1918-2013) – नोबेल पुरस्कार विजेता, रंगभेद विरोधी आंदोलन के नेता
24. 1991 – राजीव गांधी मरणोपरान्त (1944-1991) – देश के सातवें प्रधानमंत्री
25. 1991 – सरदार वल्लभ भाई पटेल मरणोपरान्त (1875-1950) – देश के पहले गृहमंत्री, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी
26. 1991 – मोरारजी रणछोड़जी देसाई (1896-1995) – देश के पांचवें प्रधानमंत्री, स्वतंत्रता सेनानी
27. 1992 – मौलाना अबुल कलाम आजाद मरणोपरान्त (1888-1958) – देश के प्रथम शिक्षा मंत्री, स्वतंत्रता सेनानी
28. 1992 – जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा 'जेआरडी टाटा' (1904-1993) – देश के जाने माने उद्योगपति
29. 1992 – सत्यजीत रे (1922-1992) – फिल्म निर्माता, निर्देशक
30. 1997 – एपीजे अब्दुल कलाम (1931- 2015) – देश के 11वें राष्ट्रपति, वैज्ञानिक
31. 1997 – गुलजारीलाल नंदा मरणोपरान्त (1898-1998) – दो बार कार्यवाहक प्रधानमंत्री, स्वतंत्रता सेनानी
32. 1997 – अरुणा आसफ अली मरणोपरान्त (1909-1996) – स्वतंत्रता संग्राम सेनानी
33. 1998 – एमएस सुब्बालक्ष्मी (1916-2004) – शास्त्रीय संगीत गायिका
34. 1998 – चिदम्बरम सुब्रमण्यम (1910-2000) – स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, कृषि मंत्र
35. 1998 – लोकनायक जयप्रकाश नारायण मरणोपरान्त (1902-1979) – स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ
36. 1999 – पंडित रविशंकर (1920-2012) – सितार वादक
37. 1999 – अमर्त्य सेन (जन्म 1933) – नोबेल पुरस्कार विजेता, अर्थशास्त्री
38. 1999 – गोपीनाथ बोरदोलोई मरणोपरान्त (1890-1950) – स्वतंत्रता सेनानी, असम के मुख्यमंत्री
39. 2001 – लता मंगेशकर (जन्म 1929) – पार्श्व गायिका
40. 2001 – उस्ताद बिस्मिल्ला खां (1916-2006) – शहनाई वादक
41. 2008 – पंडित भीमसेन जोशी (1922-2011) – शास्त्रीय गायक
42. 2014 – सचिन तेंदुलकर (जन्म 1973) – भारतीय क्रिकेटर
43. 2014 – प्रो. सीएनआर राव (जन्म 1934) – जाने-माने वैज्ञानिक व केमेस्ट्री के विशेषज्ञ
44. 2014 – अटल बिहारी बाजपेयी (1924- 2018) – देश के 11वें प्रधानमंत्री, जाने-माने राजनेता
45. 2014 – पं. मदनमोहन मालवीय मरणोपरान्त (1861-1946) – शिक्षाविद, समाज सुधारक
46. 2019 – प्रणव मुखर्जी (जन्म 1935) – देश के 13वें राष्ट्रपति, जाने-माने राजनेता
47. 2019 – नानाजी देशमुख मरणोपरान्त (1916-2010) – समाजसेवी
48. 2019 – भूपेन हजारिका मरणोपरान्त (1926-2011) – संगीतकार-गायक
By NEELESH MISHRA
Smart strategy for UPSC pre (2 June 2019)
बहुत दिनों बाद आज वापस आईएएस के लिए लिखने की शुरुआत कर रहा हूँ आशा करता हूँ कि आप लोग भूले नहीं होंगे हमें ! तो आइये सबसे पहले आगामी जून में प्रस्तावित प्रारंभिक परीक्षा की ही चर्चा कर लेते हैं !
मै दो रणनीति बताऊंगा जिसमे आज की पहली रणनीति उनके लिए होगी जिन्हे लगता है कि अब तक उनकी बेहतर तैयारी नहीं हो पायी है लेकिन 2019 देना ही देना है !
आप सभी आने वाले 115 दिन आप कम से कम 6 घंटे नियमित दीजिये ज्यादा से ज्यादा जितना आप दे सकते हैं ! समय को तीन - तीन घण्टों के दो भागों में बाँट लेना है !
पहला भाग - सिर्फ NCERT उठाइये और एक एक करके हर विषय की NCERT को तैयार करते जाइये ! 2 घंटे टॉपिक को पढ़िए और 1 घंटे पूरा रिवीजन को दीजिये ! अगर आसानी से हो सके तो साथ में शार्ट नोट्स बनाते जाइये लेकिन समय नोट्स में डिज़ाइन और राइटिंग बनाकर बर्बाद नहीं करना है , अगर ना हो सके तो बुक में ही चीजों को को हाईलाइट या अंडरलाइन करते जाइये ! अगर एक विषय को आप 10 दिन भी देते हैं तो भी 60 दिनों में सभी NCERT ख़त्म हो जाएँगी !
NCERT को सिर्फ पढ़ना नहीं है बल्कि जो भी विषय या जो चेप्टर ख़त्म करें उससे जुड़े प्रश्नों को किसी किताब या इंटरनेट से खोजकर अभ्यास भी तत्काल ही कर लें ! जिस टॉपिक के प्रश्न हल करने में दिक्कत हो रही हो उसे फिर से पढ़ें ! NCERT में कम से कम इतिहास , भूगोल , राजव्यवस्था , अर्थव्यवस्था और विज्ञानं इतनी तो पढ़ ही लीजिये !
दूसरा भाग - इस भाग में आपको बचे हुए 3 घंटे पूरे करंट को ही देने हैं ! जिसमे 1.30 घंटे पिछले माह के करंट अफेयर्स को दीजिये और बाकी के 1.30 घंटे अभी वर्तमान के करंट अफेयर्स को जिसमे रोज के न्यूज़ पेपर और मासिक मैगज़ीन शामिल है ! जो डेढ़ घण्टे आपको पिछले वर्षों के करंट अफेयर्स को देने हैं उसमे आप जून 2018 से शुरुआत कीजिये , अगर 10 दिन भी लगाते हैं आप एक माह के करंट अफेयर्स को ख़त्म करने में तो 110 दिनों में आपके 11 माह का करंट समाप्त हो जायेगा और अलग डेढ़ घंटे में मौजूदा करंट तो तैयार होते ही जा रहे हैं !
यह तो थी रोज वाली पढाई , अब संडे को समय ज्यादा मिलता है उसके लिए भी काम बता देता हूँ !
एक विशेष बात - करंट पढ़ने के दौरान जितने भी शब्द सामान्य अध्ययन के विषयों के शब्द या टॉपिक मिलते जाएँ उन्हें एक अलग पेज या कॉपी में नोट करते जाइये और संडे को बैठकर उन सारे शब्दों के विवरण इंटरनेट या किसी मानक बुक से तैयार कर लीजिये !
जैसे उदहारण के लिए कर्नाटक चुनाव के दौरान आपने एक चीज पढ़ी होगी कि " राज्यपाल कि भूमिका पर सवाल उठाये गए " तो आपको राजयपाल नोट करके रखना है और संडे को इसकी नियुक्ति , अधिकार , कार्य , सम्बंधित अनुच्छेद सब तैयार कर डालिये !
पिछले 10 वर्षों के प्रश्नों के प्रश्नपत्रों को प्रिंट तो होंगे ही , अगर नहीं है तो करा लीजिये और एक unsolved पेपर्स भी ले लीजिये कम से कम सामान्य अध्ययन का ! इन दोनों से बीते सप्ताह में जितने टॉपिक खत्म किये उनकी संडे को प्रैक्टिस कर डालिये !
NCERT के बाद -
60 दिनों में आपकी NCERT ख़त्म हो जाएगी उसके बाद आपके पास 40 से 45 दिन का समय शेष बचेगा ! इन दिनों में NCERT वाले 3 घंटे में आपको आपको कुछ महत्वपूर्ण मानक किताबें जैसे स्पेक्ट्रम की आधुनिक भारत , लक्ष्मीकांत की राजव्यवस्था , विश्व का भूगोल प्रतियोगिता दर्पण का अर्थव्यवस्था का अतिरिक्तांक इन चार का अध्ययन कर लेना है !
पूरी रणनीति संक्षेप में - लगभग 115 दिन का समय है आपके पास ! इसमें लगातार 3 घंटे आपको करंट को देने ही देने हैं ! जिसमे आधा समय पिछले महीनों के करंट को और आधा वर्तमान के करंट को ! बाकी बचा तीन घंटा आपको समान्य अध्ययन को देना है जिसमे शुरू में 60 दिन आप NCERT पढ़ेंगे और इसके बाद बचे हुए 45 दिन जो चार किताबें मैंने बताई हैं ! संडे के दिन आपको पिछले वर्षों के पेपर और अनसॉल्वड पेपर्स सॉल्व करने हैं और करंट से जुड़े GS के टॉपिक्स को तैयार करना है !
अगर आप इतना कर लेते हैं तो प्रारंभिक परीक्षा आराम से निकल जाएगी इसकी गारंटी मै लेता हूँ बशर्ते ईमानदारी से आपने इसे फॉलो किया हो !
अगला भाग इससे जुड़ा जल्द ही करूँगा !
NEELESH MISHRA
+919795619790
आखिर क्यों ??
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❔ आखिर क्यों करते हैं हम ऐसा ❔
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1. आखिर क्यों हम एक किताब 10 बार पढ़ने की बजाय 10 तरह की किताबें पढ़ना ज्यादा पसंद करते हैं !
Ex . - सिविल सेवा की तैयारी करने वाला छात्र अपने घर को लाइब्रेरी बनाकर बैठ जाता है ... सफलता बहुत सी किताबें पढ़ने से नहीं बल्कि एक किताब को बहुत बार पढ़ने से मिलती है
2. आखिर क्यों हम सीखने के समय में सीखने की बजाय सिखाना ज्यादा पसंद करते हैं !
Ex . - हर रोज प्रतियोगी छात्र फरमान जारी करते हैं ...मैं आईएएस की तैयारी के लिए ग्रुप बना रहा हूँ ... अपना no .कमेंट बॉक्स में लिखिए ......" मेरे प्यारे भाई इस समय आपका एक एक सेकंड अमूल्य है ...कृपया पहले आप बन जाइये फिर और ज्यादा ऊर्जा और संसाधनों के साथ आप सबकी मदद कर पाएंगे "
3. आखिर क्यों हम एक ही मार्गदर्शक पर यकीन नहीं रख पाते हर रोज नए मार्गदर्शक की खोज में लगे रहते हैं ...सभी का अपना एक अलग तरीका होता है ...और उस चक्कर में आपकी अपनी तैयारी कभी पटरी में आ ही नहीं पाती ...हमेशा नयी शुरुआत करते रह जाते हैं !
4. आखिर क्यों हमारे लिए अपनी जीत से ज्यादा दूसरे की हार मायने रखती है !
Ex. - " मैं तो कम से कम मुख्य परीक्षा तक पहुँच गया था उसको देखो वो तो प्रारंभिक परीक्षा भी नहीं पास कर पाया .""...और इसके साथ ही आप खुद को तसल्ली दे देते हो ...पर आपको कौन सा मुख्य परीक्षा पास करने का प्रमाण पत्र मिल गया ...ये भी बता दीजिये !
5. आखिर क्यों हम सब सपने तो हमेशा बड़े देखते हैं लेकिन मात्र 10 प्रतिशत लोग ही उसकी कीमत चुकाने को तैयार होते हैं !
Ex . - बनना तो कलेक्टर ही है पर 8 घंटे सोना नहीं छोड़ सकते ....और न ही 8 घंटे पढ़ने में मन लग सकता ...तो भाई इंतजार करो शायद कोई बाबा किसी घुंटी का अविष्कार कर दे ...जो आपको सीधे मसूरी भेज दे
6. आखिर क्यों हम हर काम या नयी शुरुआत को कल पर टाल देते हैं ....और वो भी इतने यकीन के साथ जैसे हम कल का दिन देखने ही वाले हों !
7. आखिर क्यों हम अपनी नाकामी का सेहरा हमेशा दूसरों के सर पर मढ़ देते हैं ..... असल में उनका हम कुछ नहीं बिगाड़ते ...अपने साथ ही सबसे बड़ा धोखा करते हैं .!!
8. आखिर क्यों अपने ही मष्तिष्क पर हमारा नियंत्रण नहीं रह पाता....हम जानते हैं कि इस समय ये चीजें हमारे लिए बुरी हैं पर फिर भी हम कर डालते हैं ...और बाद में खुद को समझा देते हैं कि आगे से ऐसा नहीं होगा और फिर अगली बार होता है ...और फिर से आप यही लाइन दोहरा लेते हैं !
9. आखिर क्यों हम अपने समय की कीमत नहीं समझ पाते और उसे यूँ बर्बाद करते हैं जैसे ऊपर वाले के साथ 500 साल का एग्रीमेंट करके आये हो .....जरा सोच लो अगर अगले ही पल आपके सामने मौत खड़ी हो ..तो क्या छोड़ कर जा रहे हो यहाँ जिससे लोग आपको याद रखें .."" कुछ नहीं किया अब तक मेरे भाई ..मत सोच इतना "" ?
10. आखिर क्यों हम हम हर दिन कुछ नया पढ़ते हैं ..." .जैसे फेसबुक में में ही कोई नया मोटिवेशनल थॉट ही लेलो " .......और उसके नीचे " wavvv " का कमेंट भी कर देते हैं .... जरा सोचो कि कितनी बार अपने ऐसा किया ? ...शायद सैकड़ों बार .....पर उसमें से कितनी लाइन्स को खुद की जिंदगी पर लागू किया ..? ..अगर एक लाइन भी लागू कर देते मेरे भाई तो
आपकी जिंदगी उसी वक़्त बदल जाती ....!!
Neelesh Mishra NLS
How to use social media in student life????
#IAS_Motivation...
NEELESH MISHRA NLS.......✍✍
Dear friends...
फेसबुक और व्हाट्सप ,Telegram आजकल प्रचंड क्रांति से गुजर रहें हैं... Guidence देने वालों की कमी नही दिख रही है..हमेशा याद रखिये किसी व्यक्ति को follow करने से या किताबो का ढेर लगाकर दिखावा करने से कोई #IAS नही बन जाता... और न ही सर्वश्रेष्ठ कोचिंग join कर लेने से कोई आईएएस बन सकता है.. coaching हो, शिक्षक हो या कोई भी...
ये लोग आपको सिर्फ guide कर सकते है लेकिन संघर्ष आपको ही करना है...
श्री कृष्ण ने रणभूमि में अर्जुन को अपने ज्ञान और शक्तियों से काफी प्रेरित किया लेकिन रणभूमि में योद्धा बनकर अर्जुन को ही लड़ना पड़ा था...
कोई इंसान आपके जिंदगी को नही बदल सकता.. जब तक आप नही चाहेंगे...
#आईएएस एक job नही बल्कि एक रणभूमि है.. इस रणभूमि में तन,मन, धन सबकुछ समर्पण करके ही विजय पाया जा सकता है.. इस दंगल में जो जितने ही परिस्थितियों से लड़ कर खुद को कठोर बनायेगा, उसकी success के chances उतने ही ज्यादा होंगें ..यहाँ लड़ाई सिर्फ संघर्षशील व्यक्तियों को बीच होती है.. जो दिन रात अपने सपनो के लिए कार्यरत रहते है और ऐसे लोग मात्र 5-10% रहते है ...
वैसे आपको बता दूं इस दंगल के लिए फार्म भरने के लिए जहाँ 10-12 लाख भरते है वही 6-7 लाख अभ्यर्थी exam हाल में बैठने की हिम्मत ही नही जुटा पाते है.. जी हाँ , सही सुना आपने.. इस exam में फार्म भरने वाले में से 50% अभ्यर्थी exam में नही बैठते है ..और ऐसा हर साल होता है..ऐसा नही है की इनके पास वो सब पुस्तको का बम्बारमेंट नही होता है, और ये अनपढ़ होते है.. ये वही लोग होते है जो सिर्फ सपने पाल रखते है लेकिन कर्म करने की चाहत नही रखते..!
किसी भी मंजिल के तैयारी से पहले उसके बारे में जान समझ लेना बहुत जरूरी होता है.. खैर जो भी हो अगर आपने इस युद्धभूमि के बारे में अच्छे से जान लिया है तो...तय आपको ही करना है कि आपको इन भीड़ भरे अभ्यर्थियों में रह कर केवल सपने देखना है या सफल बनना है.. अगर सफल बनने की दृढ इच्छा है तो आज ही ठान ले की करना है तो करना है..
केवल सोचे नही उस पर action ले ..daily newspaper पर read किया कीजिये.. current अफेयर्स पर ध्यान दे..सप्ताह में दो निबंध अवश्य लिख कर अभ्यास करें.. साथ ही मुख्य परीक्षा के लिए रोजाना कम से कम एक प्रश्न अभ्यास जरूर करे.. किसी भी topic को पढ़े तो उस topic पर आधारित पिछले वर्षों के प्रश्न अभ्यास अवश्य करे...
pre और mains को एक साथ लेकर चले... pre+mains एक साथ लेकर चलिएगा तभी सफल हो पाइयेगा वर्ना भीड़ का हिस्सा बन कर रह जायेंगे..तो सोचना क्या है अब चलो लग जाओ.. मै आपके साथ हूँ ... पर पहले करने के लिए हौसला और आग के लौ जैसा जूनून तो पैदा करो...
"हौसला बाजार मे नहीं मिलता..
पैदा किया जाता है..
नीलकंठ तो बनना है सबको ...
पर सबसे जहर पिया नहीं जाता है..
तड़प हो तो.. पर्वत का सीना चीर नीर फूट पड़ता है..
कदम बढ़ाओ दोस्त ..upsc/RPSC के जंग में मौका मांगा नहीं छीन
लिया जाता है.."
हार के बैठोगे तो खो जाओगे दुनिया के भीड़ में..
शान और पहचान बनाना है तो अपना सबकुछ दांव पर लगा दो...
#All_the_best...🙏
Strategy for pre com Mains
UPSC Pre 2019, समसामयिकी कैसे तैयार करें ?
बहुत से साथियों का प्रश्न है कि UPSC के लिए समसामयिकी कैसे तैयार करे। कुछ सुझाव हैं ध्यान जरूर दीजियेगा -
समसामयिकी आपको रोजाना पढ़नी है परीक्षा के अंतिम समय के लिए गलती से भी नहीं छोड़ना।हो सके तो रोजाना 4-5 टॉपिक के खुद के नोट्स बनाते रहिये।
1. रोजाना एक समाचार पत्र : दैनिक जागरण या द हिन्दू कोई भी एक तो कम से कम पढ़ना है साथ मे चाहें तो बिजनेस स्टैण्डर्ड का हिंदी वाला अंक भी रोजाना पढ़ सकते हैं मुख्य परीक्षा में लाभदायक होता है।
2. यूट्यूब से आप Study IQ, Only IAS,Rajya Sabha TV etc से सहायता ले सकते हैं।
3. मासिक पत्रिकाओं में आप Vision IAS, Drishti IAS, ध्येय IAS से सहायता ले सकते हैं।
4. कुछ टॉपिक india year book से देखने होते हैं जब 2019 के लिए india year book आ जायेगी तब उन टॉपिक की लिस्ट आपको बता दूँगा।
अब आप सोच रहे होंगे कि इतने स्रोत से केवल समसामयिकी कैसे पढ़ पाएंगे। इतना समय तो है ही नहीं।दोस्तो, वर्तमान समय मे समसामयिकी की भूमिका लगभग सभी परीक्षाओं में बहुत बढ़ गयी है UPSC प्री और मुख्य परीक्षा के लिए समसामयिकी अत्यधिक उपयोगी तो है ही साथ में देश व दुनिया की जानकारी के लिए भी बहुत आवश्यक है जो प्रत्येक अभ्यर्थी से अपेक्षित है।
आपको करना ये है कि आप पहले टॉपिक्स की लिस्ट बनाते जाइये जो आपको प्रीलिम के लिए तैयार करने हैं।बहुत से टॉपिक ऐसे मिलेंगे जो इन सभी स्रोतों में कॉमन होंगे फिर इन स्रोतों में उन टॉपिक्स को खोजिए जिसमें उस टॉपिक को सबसे अच्छे से कवर किया गया हो उसी स्रोत से पढ़िए। जरूरी नहीं है कि आप एक ही टॉपिक को अलग अलग स्रोत से पढ़ें।
एक और सुझाव : कुछ अंग्रेजी के स्रोतों से भी सहायता ले सकते हैं।यदि अंग्रेजी पढ़ने और समझने में समस्या न हो तो।जैसे - Insight और IAS Baba
नोट - बहुत से साथी UPSC के लिए मेरे समसामयिकी नोट्स की मांग करते हैं मैं कमिटमेंट तो नहीं कर रहा किन्तु सहायता का हर संभव प्रयास करूंगा। अभी बिल्कुल भी समय नहीं है इसलिए सोशल मीडिया का उपयोग बहुत कम समय के लिये करता हूँ इसी कारण आप लोगों के बहुत से प्रश्नों के उत्तर नहीं दे पाता।
Neelesh Mishra
WHAT TO DO WHEN STUDY STOPPED???
अचानक पढ़ाई रुक जाए तब क्या करें..............
किसी भी कार्य का लगातार होते रहना सहजता पर निर्भर करता है यानी मानसिक भावों के अनुकूल होने पर निर्भर करता है अतः किसी काम के रुकने का मतलब है कि एक भाव के स्थान पर दूसरा भाव प्रबल हो गया है अब जब तक इस भाव को बदला नही जाएगा पढ़ाई का पुनः जारी होना मुश्किल होगा। पढ़ाई के प्रति दिलचस्पी में कमी बहुत से कारकों की वजह से पैदा हो जाती है। जब हमारे लिए कोई काम कठिन हो जाता है या हमें उसे करने में मानसिक संतुष्टि नही मिलती है तब पढ़ाई जारी रख पाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में मानसिक पटल पर भाव परिवर्तन हो जाता है और पढ़ाई रुक जाती है।इस स्थिति से तभी बाहर आया जा सकता है जब या तो बाह्य स्रोत से कोई संतुष्टि मिले जैसे कि किसी कुशल व्यक्ति से कोई सहायता या मार्गदर्शन या अपने दृष्टिकोण को ही बदला जाए
ऐसा होने पर फ़िर से भाव परिवर्तन हो सकता है और पढ़ाई फ़िर शुरू हो सकती है। यदि कोई चीज़ रुक रही है तो इसका सीधा सा अर्थ है कि मन के भाव में परिवर्तन हुआ है और कोई नकारात्मक भाव प्रबल हो गया है ऐसे में प्रभावित व्यक्ति को चाहिए कि वह अपनी समस्या का विभिन्न दृष्टिकोणों से विश्लेषण करे यदि समस्या किसी अकुशलता की वजह से है तो सम्बंधित क्षेत्र में दूसरों की मदद ले या सरल माध्यमों से उस समस्या को दूर करे। कभी कभी ऐसा होता है कि कुछ बातें किसी भी विषय की केंद्रीय होने के कारण जटिल होती है ऐसे में समस्या का सामना करना पड़ता है और मन पढ़ाई से हटने लगता है। या कभी कभी हमें ऐसा लगने लगता है कि मैं इस मामले में बहुत कमज़ोर हूँ इसलिए मेरा सफ़ल हो पाना बहुत मुश्किल है। इस सोच से भी पढ़ाई से मन हटने लगता है। इस तरह पढ़ाई रोकने वाले बहुत से कारक हो सकते हैं। कभी कभी आपसी रिश्तों में आई दरार भी पढ़ाई को रोक देती है। धन की कमी या विभिन्न अभाव भी मन के उत्साह को कम कर देते हैं। अतः ख़ुलासा यह है कि पढ़ाई रोकने वाले कारक विविध होते हैं और मन पर हावी हो जाते हैं। इनसे निपटने का तरीक़ा भी विविध होता है।इंसान को चाहिए कि वह अपनी बेचैनी या असहजता के कारण को तलाशे और उसी के अनुसार उपाय करे
कभी कभी उपाय अवधि में धैर्य भी रखना पड़ता है क्योंकि कुछ उपाय ऐसे होते हैं जो अचानक प्रभावी नही होते हैं बल्कि थोड़ा समय लगता है ख़ासकर कुशलता अर्जित करने वाले उपाय।
Neelesh mishra
MANTRA OF LIFE by NLS
NEELESH MISHRA
तजुर्बे के मुताबिक़,,,खुद को ढाल लेता हूं,,!
कोई प्यार जताए तो,,,जेब संभाल लेता हूं,,,!!
नहीं करता थप्पड़ के बाद,,,दूसरा गाल आगे,,!
खंजर खींचे कोई,,, तो तलवार निकाल लेता हूं,,,!!
वक़्त था सांप की,,,परछाई डरा देती थी,,!
अब एक आध मै,,,आस्तीन में पाल लेता हूं,,!!
मुझे फासने की,,,कहीं साजिश तो नहीं,,!
हर मुस्कान ठीक से,,,जांच पड़ताल लेता हूं,,,!!
बहुत जला चुका उंगलियां,, मैं पराई आग में,,!
अब कोई झगड़े में बुलाए,, तो मै टाल देता हूं,,,!!
सहेज के रखा था दिल,,,,जब शीशे का था,,!
पत्थर का हो चुका अब,,, मजे से उछाल लेता हूं,,,,!!
🦅🦅🦅https://neeleshmishranls.blogspot.com/2018/12/comparison-when-and-how.html
HOW TO MAKE A CREATIVE TIME TABLE
MOTIVATION FOR SUCCESS
महत्वपूर्ण GK ट्रिक्स/One day exam/gk tricks
❇️कछ महत्वपूर्ण GK ट्रिक्स ❇️ 🟡कनिष्क के दरबार में प्रमुख व्यक्ति Trick - अश्व नाचे पाव पे 🔘 अश्व ➞ अश्वघोष 🔘 ना ➞ नागार्जुन 🔘 च ➞...
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मुगल वास्तुकला 1526 ईस्वीं में पानीपत के युद्ध के बाद मुगल वंश की स्थापना हुई। और बाबर के बाद, प्रितेक शासक ने वास्तुकला के क्षेत्र में ब...
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