कर्म का रहस्य

_*घनघोर प्रतिस्पर्धा में जब आप खुद को थका महसूस कर रहे तब यह अत्यावश्यक हो जाता है कि आस्तिक बनें। गांधीजी कहते थे कि सत्याग्रही का ईश्वर में विश्वास जरूरी है। कठिन समय में आपकी आस्था बहुत मदद करती है। युवा अभ्यर्थी दिनचर्या में प्रभु सुमिरन, पूजा स्थल भ्रमण अवश्य शामिल करें, इससे आपके कर्मयोग में ईश्वर का आदेश शामिल हो जाता है। कुछ भी मनुष्य के सामर्थ्य से परे नहीं है क्योंकि कर्म सबके मार्ग खोल देता है। और कर्म सिर्फ मनुष्य कर सकता है। देव को भी जब कर्म करना होता है तब मनुष्य रूप में जन्म लेना पड़ता है। परन्तु प्रकृति को समझे,*_

_*यहाँ वही आगे बढ़ेगा जो दूसरे को परास्त कर देगा। यही शास्वत सत्य है। किसी भी कृत्रिमता से इस सत्य को नहीं बदल सकते।*_

   ............... by NEELESH MISHRA

4 कारण :: लक्ष्य बनाना क्यों ज़रूरी है???

❄ *_#Motivation Thought_ 💐*
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*((Note~ सभी मित्रों एक बार ज़रूर पढ़े))*

*_⇣⇣ कितना_जरुरी_है_लक्ष्य_बनाना ⇣⇣👌_*
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*एक बार एक आदमी सड़क पर सुबह सुबह दौड़ (Jogging) लगा रहा था, अचानक एक चौराहे पर जाकर वो रुक गया उस चौराहे पे चार सड़कें थीं जो अलग-अलग रास्ते पे जाती थीं। एक बूढ़े व्यक्ति से उस आदमी ने पूछा – सर ये रास्ता कहाँ जाता है ? तो बूढ़े व्यक्ति ने पूछा- आपको कहाँ जाना है? आदमी – पता नहीं,*
*बूढ़ा व्यक्ति – तो कोई भी रास्ता चुन लो क्या फर्क पड़ता है । वो आदमी उसकी बात को सुनकर निःशब्द सा रह गया, कितनी सच्चाई छिपी थी उस बूढ़े व्यक्ति की बातों में। सही ही तो कहा जब हमारी कोई मंजिल ही नहीं है तो जीवन भर भटकते ही रहना है।*

*_✶ जीवन में बिना लक्ष्य के काम करने वाले लोग हमेशा सफलता से दूर रह जाते हैं जबकि सच तो ये है कि इस तरह के लोग कभी सोचते ही नहीं कि उन्हें क्या करना है? हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में किये गए सर्वे की मानें तो जो छात्र अपना लक्ष्य बना कर चलते हैं वो बहुत जल्दी अपनी मंजिल को प्राप्त कर लेते हैं क्यूंकि उनकी उन्हें पता है कि उन्हें किस रास्ते पर जाना है।_*

*_✶ अगर सफलता एक पौधा है तो लक्ष्य ऑक्सीजन है, आज हम इस पोस्ट में बात करेंगे कि लक्ष्य कितना महत्वपूर्ण है? कितना जरुरी है लक्ष्य बनाना ?_*

*_1.➨  लक्ष्य एकाग्र बनाता है – अगर हमने अपने लक्ष्य का निर्धारण कर लिया है तो हमारा दिमाग दूसरी बातों में नहीं भटकेगा क्यूंकि हमें पता है कि हमें किस रास्ते पर जाना है? सोचिये अगर आपको धनुष बाण दे दिया जाये और आपको कोई लक्ष्य ना बताया जाये कि तीर कहाँ चलना है तो आप क्या करेंगे, कुछ नहीं तो बिना लक्ष्य के किया हुआ काम व्यर्थ ही रहता है। कभी देखा है की एक कांच का टुकड़ा धूप में किस तरह कागज को जला देता है वो एकाग्रता से ही सम्भव है।_*

*_2.➨  आपकी प्रगति का मापक है लक्ष्य- सोचिये की आपको एक 500 पेज की किताब लिखनी है, अब आप रोज कुछ पेज लिखते हैं तो आपको पता होता है कि मैं कितने पेज लिख चूका हूँ या कितने पेज लिखने बाकि हैं। इसी तरह लक्ष्य बनाकर आप अपनी प्रगति (Progress) को माप (measure) सकते हैं और आप जान पाएंगे कि आप अपनी मंजिल के कितने करीब पहुंच चुके हैं। बिना लक्ष्य के नाही आप ये जान पाएंगे कि आपने कितना progress किया है और नाही ये जान पाएंगे कि आप मंजिल से कितनी दूर हैं?_*

*_3.➨  लक्ष्य अविचलित रखेगा- लक्ष्य बनाने से हम मानसिक रूप से बंध से जाते हैं जिसकी वजह से हम फालतू की चीज़ों पर ध्यान नहीं देते और पूरा समय अपने काम को देते हैं। सोचिये आपका कोई मित्र विदेश से जा रहा हो और वो 9:00 PM पे आपसे मिलने आ रहा हो और आप 8 :30 PM पे अपने ऑफिस से निकले और अगर स्टेशन जाने में 25 -30 मिनट लगते हों तो आप जल्दी से स्टेशन की तरफ जायेंगे सोचिये क्या आप रास्ते में कहीं किसी काम के लिए रुकेंगे? नहीं, क्यूंकि आपको पता है कि मुझे अपनी मंजिल पे जाने में कितना समय लगेगा। तो लक्ष्य बनाने से आपकी सोच पूरी तरह निर्धारित हो जाएगी और आप भटकेंगे नहीं।_*

*_4.➨ लक्ष्य आपको प्रेरित करेगा – जब भी कोई व्यक्ति सफल होता हैं, अपनी मंजिल को पाता है तो एक लक्ष्य ही होता है जो उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। आपका लक्ष्य आपका सपना आपको उमंग और ऊर्जा से भरपूर रखता है।_*

*_︶︿︶ तो मित्रों बिना लक्ष्य के आप कितनी भी मेहनत कर लो सब व्यर्थ ही रहेगा जब आप अपनी पूरी energy किसी एक point एक लक्ष्य पर लगाओगे तो निश्चय ही सफलता आपके कदम चूमेगी।_*

_👨🏻‍💻@ नीलेश  मिश्रा ..✍🏻_

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STATUE OF UNITY In Hindi:: सभी संभावित प्रश्न जो पूछे जा सकते हैं

सम्पूर्ण सामान्य ज्ञान (प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये )

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity) भारत के गुजरात राज्य में सरदार सरोवर बांध के निकट साधू बेट नामक स्थान पर बनी भारत की सबसे ऊॅची मूर्ति है इसकी ऊँचाई 182 मीटर है यानि 586 फीट ऊंची प्रतिमा है। जो कि स्टेच्यू आॅफ लिबर्टी से लगभग 250 फीट अधिक ऊँची है। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity)  को भारत के प्रथम उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री
को समर्पित किया गया है और इसका अनावरण भी सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिवस यानि 31 अक्टूबर के दिन होना तय है। आईये जानते है स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity) के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य
"लौह पुरूष"
सरदार वल्लभ भाई पटेल (Vallabh Bhai Patel)
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य - Important Facts About The Statue of Unity in Hindi
भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने
के 138 वें जन्मदिवस पर स्टेच्यू आॅफ यूनिटी का शिलान्यास किया था जिसके तहत इस प्रतिमा की परियोजना की कुल लागत भारत सरकार द्वारा 3000 करोड़ रूपये रखी गई थी। जिसके लिए भारत की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (Larsen and Tubro) ने सबसे कम बोली लगाकर इसके निर्माण कार्य और रखरखाव की जिम्मेदारी ली। 31 अक्टूबर, 2013 को स्टेच्यू आॅफ यूनिटी का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ और अक्टूबर 2018 में लगभग 5 वर्ष बाद इसका निर्माण कार्य संपन्न हुआ। लार्सन एंड टुब्रो कंपनी के दावे के अनुसार स्टेच्यू ऑफ यूनिटी का बुनियादी ढ़ांंचा महज 33 माह (लगभग ढाई साल) के कम समय में बनकर तैयार हुआ। यह अपने आप में एक विश्व रिकार्ड है।
सरदार वल्लभ भाई पटेल (Sardar Vallabh Bhai Patel)
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity) से पहले दुनिया की सबसे ऊंंची मूर्ति का खिताब चीन की स्प्रिंग टैम्पल (Spring temple) में स्थापित भगवान बुद्ध की प्रतिमा के पास था यह प्रतिमा 384 फीट ऊंची प्रतिमा है, लेकिन अब दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी होगी।
वर्ष 2010 में इस परियोजना की घोषणा की गई और योजना यह थी कि
की यह विशाल प्रतिमा लोहे से ही बनाई जाए, लेकिन इतना लोहा जुटाना आसान बात नहीं थी लोहा जुटाने के लिए गुजरात सरकार द्वारा एक ट्रस्ट बनाया गया जिसका नाम था
इस ट्रस्ट द्वारा पूरे भारत में 36 कार्यालय खोल गए और लोहा जुटाने हेतु एक अभियान चलाया गया जिसका नाम था "
यह अभियान 03 माह तक चला जिसमें पूरे भारत वर्ष के लगभग 6 लाख ग्रामीणों ने योगदान दिया जिसमें ज्यादातर लोहा खेतों में काम न आने वाले पुराने और बेकार हो चुके औजारों के रूप में था। पूरे भारत के किसानों से लगभग 5 हजार मैट्रिक टन लोहा दान में मिला, परियोजना के शुरूआत में योजना थी कि इसी लोहे से मूर्ति का निर्माण होगा, लेकिन किन्हीं कारणों से इस लोहे से मूर्ति का निर्माण नहीं हो सका पर इस लोहे से मूर्ति के अलावा और भी जो कार्य थे उन सभी कार्यों को पूरा किया गया
"लौह पुरूष"
"सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट"
स्टेच्यू आॅफ यूनिटी अभियान"
स्टेच्यू आफ यूनिटी न्यूयार्क की स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी (Statue of Liberty) से लगभग दोगुनी है। स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के अन्तर्गत एक बहुत बड़ा हाईटेक संग्रहालय बना हुआ इस हाईटेक संग्रहालय को बनाने का एक मुख्य उपद्देश्य भारत के स्वतंत्रता संग्राम के हीरो रहे सेनानियों का 90 वर्षों का पूरा इतिहास पूरे विश्व में बताना है। स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को १८२ फीट की ऊंचाई तक बनाने के पीछे का सच गुजरात विधानसभा की कुल सीटों की संख्या है स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की ऊंचाई गुजरात की विधानसभा की सीटों को प्रस्तुत करती है। स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को बनाने में जिस लोहे का इस्तेमाल हो रहा है वह त्रिची (तिरूचिरापल्ली) से लाया जा रहा है
स्टेच्यू ऑफ यूनिटी परियोजना के शुरूआती अभियान से एक प्रार्थना पत्र बना जिसका नाम सुराज है इसके अंतर्गत भारत की जनता अपनी राय भारत की सरकार को दे सकती है इस प्रार्थना पत्र पर लगभग २ करोड़ लोगों ने बड़े उत्साह के साथ हस्ताक्षर किये जिस कारण यह दुनिया का सबसे बड़ा  प्रार्थना पत्र बन गया|||||

अगर आप ऐसे ही समसामयिक घटनाओं से जुड़े रहना चाहते हैं तो जुड़े रहिए हमसे......

सफलता के लिए 10 आवश्यक बातें

सफलता के लिए 10 मूल मन्त्र ------

अनमोल विचार, जो आपके जीवन की दिशा को बदल सकते हैं...
1. पढ़ने के लिए जरूरी है एकाग्रता, एकाग्रता के लिए जरूरी है ध्यान. ध्यान से ही हम इन्द्रियों पर संयम रखकर एकाग्रता प्राप्त कर सकते है.

2. ज्ञान स्वयं में वर्तमान है, मनुष्य केवल उसका आविष्कार करता है.
गुरु गोबिंद सिंह की सिखाई ये 11 बातें दिला देंगी सफलता...

3. उठो और जागो और तब तक रुको नहीं जब तक कि तमु अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते.

4. जब तक जीना, तब तक सीखना, अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है.

5. पवित्रता, धैर्य और उद्यम- ये तीनों गुण मैं एक साथ चाहता हूं.

6. लोग तुम्हारी स्तुति करें या निन्दा, लक्ष्य तुम्हारे ऊपर कृपालु हो या न हो, तुम्हारा देहांत आज हो या युग में, तुम न्यायपथ से कभी भ्रष्ट न हो.

7. जिस समय जिस काम के लिए प्रतिज्ञा करो, ठीक उसी समय पर उसे करना ही चाहिये, नहीं तो लोगो का विश्वास उठ जाता है.

ध्यान और ज्ञान का प्रतीक हैं भगवान शिव, सीखें आगे बढ़ने के सबक

8. जब तक आप खुद पे विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पे विश्वास नहीं कर सकते.

9. एक समय में एक काम करो , और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ.

10. जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी.

धन्यवाद

महत्वपूर्ण GK ट्रिक्स/One day exam/gk tricks

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