अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवसः 8 मार्च
०थीम:–महिलाओं में निवेश: प्रगति में तेजी लाने(Invest in Women: Accelerate Progress')
०जबकि इस वर्ष के अभियान का विषय 'इंस्पायर इंक्लूजन'('Inspire Inclusion.)' है।
मुगलकालीन प्रमुख अधिकारी:
०दीवान–इनकी जिम्मेदारी राजस्व और वित्त विभाग संभालना था।
०वजीर-ए-तफविज–इनके जिम्मे असीमित अधिकारी थे।
०वजीर-ए-तनफिज–इनके जिम्मे सीमित अधिकार थे।
०दीवान-ए-तन–इनकी जिम्मेदारी साम्राज्य की जागीर और वेतन संबंधी कार्य को देखना था।
०दीवान-ए-बयूतात–यह शाही कारखानों का अधीक्षक था।
०दीवान-ए-मुस्तौफी– ये मुगल काल में आय और खर्च का निरीक्षण करने वाले अधिकारी था।
०मीर बख्शी– यह मुगल काल के शासन व्यवस्था में सैन्य विभाग का सबसे बड़ा अधिकारी होता था. यह सैन्य विभाग का प्रमुख था.
०सद्र-उस-सुदूर–यह अधिकारी धार्मिक मामलों में बड़ा अधिकारी था. ये धार्मिक मामलों बादशाह के सलाहकार हुआ करते थे।
०काजी-उल-कुज्जात– यह प्रांत और नगरों में काजियों की नियुक्ति करते थे। साथ ही बादशाह के राजधानी में नहीं रहने पर ये बादशाह की जगह प्रधान काजी काम देखते थे।
०मुहतसिब– नैतिक आचरण से संबंधित अधिकारी ।
०मीर-ए-आतिश– यह तोपखाना विभाग का प्रमुख अधिकारी था।
०दारोगा-ए-डाक– यह डाक विभाग और गुप्तचर विभाग का प्रधान अधिकारी होता था।
०मीर-ए-बहर– यह नौसेना विभाग का प्रधान अधिकारी था।
०मीर-ए-बर्र– यह वन विभाग का अधीक्षक था।
०फौजदार–यह सरकार (जिले)का मुख्य अधिकारी
होता था. इसके जिम्मे जिले की कानून व्यवस्था थी।
०अमलगुजार– यह जिले का मुख्य राजस्व अधिकारी होता था. इसका काम लगान वसूल करना था।
०वाकिया-नवीस– समाचार लेखक, जो राज्य के सभी समाचारों से केन्द्र को सूचित करता था।
०खुफिया-नवीस– गुप्त पत्र लेखक
०हरकारा–जासूस व संदेशवाहक
०वितिक्ची– दरबार की सभी घटनाओं व खबरों को लिखना।
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