यह जमाना प्रतियोगिता का है।
हर क्षेत्र में कॉम्पिटिशन है, वह कॉम्पिटिशन चाहे सरकारी नौकरी प्राप्त करने के लिए हो या फिर उद्योग - व्यवसाय चलाने में। हमें दिन - प्रतिदिन कुछ नया सीखना होता है, समय की मांग के साथ चलना होता है।
हम एक ऐसे युग में जी रहे है जहाँ हमें अपनी वर्तमान स्थिति को कायम रखने के लिए भी प्रयासरत रहना पड़ता है।
असल में हमारा कॉम्पिटिशन हमारे आगे खड़े या पहले से तैयारी कर रहे प्रतियोगियों से ज्यादा अपने पीछे आ रहे नए - नए प्रतियोगियों से है। UPSC CSE जैसी परीक्षाओं में हम ने देखा है कि 25 वर्ष से कम आयु वाले प्रतियोगी अधिक चयनित हो रहे है।
कुछ विशेष बातें जो मैंने पिछले कुछ समय से नॉटिस की है, जो शायद आपको भी ठीक लगे -
1. आप चाहे जिस किसी भी परीक्षा या प्रतियोगी की तैयारी कर रहे है, उसे संबंधित ढिंढोरा न पीटे। अपने सपनों को जगजाहिर करना एक गुनाह है।
2. पढ़ाई के नाम पर दिखावा करने से बचे। आप चाहे कुछ भी अच्छा पढ़ रहे हो, उसे लोगों को दिखाकर प्रशंसा लूटने से बचे। इससे यह हानि होती है कि आपके पढ़ने की गति और गुणवत्ता में शिथिलता आ जाती है।
3. चाहे कोई भी विषय पढ़े, उसे फैक्ट के साथ कांसेप्ट के साथ याद करें। सरकार या आयोग की अपेक्षा सदैव यही रहती है कि एक ऐसा कर्मचारी या अधिकारी हमारा हिस्सा बने जो व्यवहारिक ज्ञान रखता हो।
4. कोई भी परीक्षा केवल 2 - 4 महीने से ही उत्तीर्ण नहीं की जा सकती, हालांकि अपवाद हर जगह है। हमारा शैक्षणिक बैकग्राउंड बहुत मायने रखता है। ग्रेजुएशन के अलावा अधिकतम 1 से 2 वर्ष पर्याप्त है।
5. कभी भी अपने आप को सर्वज्ञानी न समझे। हर बार विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं को आयोजित करवाने वाले बोर्ड आपको यह एहसास करवा देते हैं कि आप अपने आप को कभी भी हम से ऊपर न समझे। छोटे - बड़े या किसी से भी कुछ भी सीखने को मिले, सीखिए ! सीखने का नाम ही ज़िंदगी है।
6. लोगों को ज्ञान देने ( जैसे मैं इस पोस्ट में कर रहा हूँ ) या बेवजह समझाने या किसी बेफिजूल तर्क - वितर्क से बचे। अपने आप की किसी से भी तुलना करके अवसाद लेने से बचे, आप जैसे भी है, अच्छे है, आप सबसे यूनीक ( Unique ) है।
7. असल में एक व्यक्ति को फुर्सत कभी मिल ही नहीं पाती है, वह हर कार्य के निश्चित समय के लिए आगे खिसका देता है कि यह कार्य एकबार हो जाए तो यह काम करूंगा। स्वास्थ्य जो मनुष्य का अमूल्य धन है, इसका बहुत ख्याल रखें।
8. जिंदगी में चाहे कुछ बनो या न बनों लेकिन एक अच्छे इंसान जरूर बने जो कर्तव्यनिष्ठ, मेहनती, व्यवहारिक, सहयोगी आदि गुणों से युक्त हो। पढ़ाई के साथ मनोरंजन और मानसिक शांति को कभी भी नजरअंदाज न करें।
एक व्यक्ति में सदैव इतनी हिम्मत जरूर होनी चाहिए कि किसी भी परीक्षा में कम नंबर आये या असफल हो तो उसे सहर्ष स्वीकार करें। चेहरे पर मुस्कान और एक नवीन ऊर्जा के साथ तैयार रहे एक नई यात्रा के लिए।
सदैव यह सोचे कि ईश्वर ने हमें कुछ विशिष्ट करने के लिए बनाया है। 😊😊
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