पहली बार स्पेस में युद्धाभ्यास करेगा भारत
चंद्रयान-2 सफल लॉन्चिंग के बाद अब भारत ने एक नया इतिहास रचने की ओर कदम बढ़ा दिया है। भारत पहली बार स्पेस युद्धाभ्यास (space war exercise) करने जा रहा है। कल यानी 25 जुलाई 2019 से शुरु होने वाले इस स्पेस युद्धाभ्यास की तैयारियां पूरी हो गई हैं। यह युद्धाभ्यास 26 जुलाई तक चलेगा। भविष्य के संभावित युद्धों से निपटने की तैयारी और अपनी काउंटर-स्पेस क्षमताओं के मद्देनजर यह युद्धाभ्यास होने जा रहा है।
रक्षा मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, अंतरिक्ष में दुश्मनों की हरकत पर नजर रखने और एंटी मिसाइल क्षमताओं को विकसित करने की जरूरत है। इसके मद्देनजर किए जाने वाले इस युद्धाभ्यास से हमारी सेनाओं की ताकत बढ़ेगी और राष्ट्रीय सुरक्षा को और अधिक मजबूत किया जा सकेगा। इस युद्धाभ्यास से हमें स्पेस में अपने संसाधनों की सुरक्षा में आने वाली चुनौतियों को समझने में भी मदद मिलेगी।
इसी साल बीते 27 मार्च को जब भारत ने मिशन शक्ति के तहत एक स्वदेशी एंटीसेटेलाइट मिसाइल से 300 किलोमीटर दूर अंतरिक्ष की निचली कक्षा में तैनात अपना एक जिंदा उपग्रह माइक्रोसैट-आरको मार गिराया था। इस परीक्षण के साथ ही भारत दुनिया का चौथा देश बन गया था जिनके पास स्पेस वॉर से निपटने की क्षमता है। रक्षा मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, इस युद्धाभ्यास का मकसद भारत की काउंटर स्पेस क्षमताओं का आकलन करना है।इस युद्धाभ्यास इंडस्पेसएक्स (IndSpaceEx) रखा गया है। इसकी पहल भविष्य के संभावित युद्धों से निपटने की तैयारियों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को देखते हुए की गई है। सनद रहे कि इस साल 11 जून को जब मोदी सरकार ने स्पेस वॉर को लेकर सुरक्षा बलों की ताकत बढ़ाने के लिए एक नई एजेंसी डिफेंस स्पेस रिसर्च एजेंसी (डीएसआरओ) बनाने को मंजूरी दी थी। सरकार के इस कदम से यह साफ हो गया था कि भारत स्पेस से आने वाले खतरों से निपटने के लिए मुस्तैद रहेगा।यह युद्धाभ्यास एक टेबल टॉपर वार गेम पर आधारित होगा जिसमें तीनों सेनाओं के अधिकारी और कई वैज्ञानिक हिस्सा लेंगे। इसमें स्पेस वॉर को लेकर फ्यूचर प्लान तैयार किया जाएगा। चीन स्पेस वॉर के मामले में बड़े खिलाड़ी के तौर पर उभरा है। उसने स्पेस वॉर को लेकर नई तकनीकों पर काम किया है। भारत द्वारा मिशन शक्ति को अंजाम दिए जाने के बाद भारत ने नौसेना के जहाजों से कई मिसाइलों का परीक्षण किया है। भारत की तैयारियां भी चीन जैसे खतरनाक पड़ोसी को देखते हुए की जा रही हैं।
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