इस बार लगभग साढ़े चार लाख से भी अधिक लोगों ने प्री का एक्जाम दिया था जिनमे से लगभग 19000 लोग पास हुए मेंस देने के लिए और इन 19000 लोगों में 2700 के आसपास साक्षात्कार तक पहुंचेंगे। 2018 के प्री के रिज़ल्ट ने दो बाते साफ कर दी हैं। पहली ये कि कॉम्पटीशन बढ़ रहा है और ये अब लगातार बढ़ता जाएगा और दूसरी ये कि इस बढ़े कॉम्पटीशन कि वजह से अब नेगेटिव मार्किंग के बावजूद भी कटऑफ ऊपर जाएगी।
इसके कारणों में से एक कारण नया पैटर्न है जिसकी वजह से अब वो लोग भी यहाँ का एक्जाम देने लगे है जो पहले मेंस का पैटर्न अलग होने कि वजह से या तो उत्तर प्रदेश पीसीएस की तैयारी ही नहीं करते थे या आधी अधूरे मन से परीक्षा देते थे। दूसरा कारण ये है कि अब यूपीएससी की तरह यहाँ भी इंजीनियरिंग और अन्य उच्च डिग्री धारक भी परीक्षा में शामिल होने लगे हैं। लेकिन इस से परंपरागत परीक्षार्थियों को घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि हर परीक्षा का एक सार्वभौमिक नियम है कि “जो पढ़ेगा वही पास होगा”। सफलता की एक ही कुंजी है जो कभी धोखा नहीं देती – ईमानदारी से की गयी पढ़ाई और मेहनत। लेकिन ये पढ़ाई और मेहनत तभी फल देगी जब ये सही दिशा में, सही और उपयुक्त सामग्री के साथ सिस्टेमैटिक और रेगुलर तरीके से की जाएगी।
2018 के पहले लोग केवल वाणी और घटनाचक्र के सहारे प्री और मेंस दोनों निकाल लेते थे। लेकिन अब इनका जमाना लद चुका है, मैं ये नहीं कह रहा हूँ कि ये अब बिलकुल अप्रासंगिक हो गयी है, ये सहायक सामग्री के तौर पर तो काम आ सकती है लेकिन केवल इन्ही को आधार बना कर तैयारी करना आत्मघाती होगा। इन के सहारे अब आप मुक़ाबला नहीं कर सकेंगे, युद्ध के नियम बदलने पर हथियार भी बदलने पड़ते हैं।
मैं एक बार फिर से ज़ोर देकर कह रहा हूँ कि अब वही सफल होगा जो प्री की साथ साथ मेंस पर भी ज़ोर देगा। अब केवल प्री की तैयारी करते रहने से काम नहीं चलेगा। पहले प्री और मेंस की दोनों की जीएस लगभग एक जैसी और ओब्जेक्टिव थी लेकिन अब ऐसा नहीं है। आप के पास अब जो समय है वो बस पर्याप्त है, न ये समय बहुत ज्यादा न ही कम है। अगर सितंबर-अक्तूबर में प्री हो जाता है तो आपका मेंस जून 2020 के आसपास होगा आपके पास मात्र एक साल है जिसमे आपको इस अथाह GS और ऑप्शनल में पारंगत होना है। आपको अभी उन टोपिक्स पर ज्यादा समय देना चाहिए जो मेंस और प्री दोनों में हैं इससे बिना एक्स्ट्रा बोझ आए आप प्री और मेंस दोनों की बेहतर तैयारी कर लेंगे। ध्यान रखिए पीसीएस बनने के लिए प्री और मेंस दोनों पास होना जरूरी है हम प्री के लिए मेंस को और मेंस के लिए प्री को नजरंदाज नहीं कर सकते।
मेंस के सिलैबस का विश्लेषण करने के बाद सामग्री के बारे में भी बात कर लेते हैं। मेंस में कुल मिलाकर आठ पेपर होंगे जिसमे चार जीएस, एक हिन्दी का एक निबंध का और एक ऑप्शनल के दो पेपर होंगे। ऑप्शनल, हिन्दी और निबंध के बारे फिर कभी बात होगी आज जीएस की बात करते हैं
जीएस 1
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जीएस 1 को अगर देखा जाए तो इसके चार मुख्य भाग हैं:-
1. इतिहास: - इसमें कला व संस्कृति (Art & Culture); आधुनिक भारत का इतिहास; स्वतन्त्रता के पश्चात एकीकरण और पुनर्गठन और विश्व इतिहास शामिल हैं।
2. भारतीय समाज, संस्कृति और सामाजिक मुद्दे
3. भूगोल
4. उत्तर प्रदेश का भूगोल व संस्कृति
सामग्री: -
@ कला व संस्कृति के लिए आप कक्षा 11 के NCERT (फ़ाइन आर्ट्स) और नितिन सिंघानिया या दृष्टि कि कला व संस्कृति की किताब में से कोई एक ले सकते हैं।
@ आधुनिक इतिहास के लिए आप बिपिन चंद्रा या स्पेकट्रूम में से कोई एक ले सकते हैं। जो एनसीईआरटी भी पढ़ना चाहते हैं वो कक्षा 6 से 9 और 11 की इतिहास की एनसीईआरटी पढ़ सकते हैं।
@ विश्व इतिहास के लिए नॉर्मन लोव की किताब आती है।
@ पोस्ट इंडिपेंडेंट पीरियड के लिए बिपिन चंद्रा की इंडिया आफ्टर इंडिपेंडेंस (हिन्दी में नाम नहीं याद आ रहा) ले सकते हैं, ये पूरी नहीं पढ़नी है बस सेलेक्टिव हिस्सा ही पढ़ना है।
@ भारतीय संस्कृति समाज और सामाजिक मुद्दे के लिए राम आहूजा की भारत की सामाजिक समस्याएँ नाम से किताब आती है इसके साथ ये टॉपिक आपके करेंट को भी कवर करेगा तो ऐसे में अख़बार और पत्रिकाओं पर भी नजर रखनी है।
@ भूगोल के लिए जीसी लेओंग और सविन्द्र सिंह या बर्नवाल में से कोई एक।
इनमें से टॉपिक 1, 3 और 4 आपके प्री के लिए भी तैयार हो जाएँगे। इतिहास में प्री के लिये आपको केवल प्राचीन भारत और मध्यकालीन भारत ही अलग से तैयार करना होगा इसके लिए अगर आप कम समय में ज्यादा आउटपुट चाहते हैं तो किरण प्रकाशन की किताब आती है इतिहास के लिए उसे तैयार कर लीजिये और घटनाचक्र पूर्वावलोकन लगा डालिए। पोस्ट थोड़ी लंबी हो गयी है तो बाकी अगली पोस्ट में ....
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